धनतेरस के बाद दिवाली के दौरान इस वर्ष कुल मिलाकर ₹5.40 लाख करोड़ (लगभग 65 अरब डॉलर) का सामान बेचा गया, जो अब तक का सबसे बड़ा कारोबार है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 25% अधिक है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, इस रिकॉर्ड बिक्री का मुख्य कारण उपभोक्ताओं की मजबूत मांग और हाल ही में जीएसटी दरों में की गई कटौती है।
जीएसटी दरों में कमी से कन्फेक्शनरी, फुटवियर और होम डेकोर जैसे उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में वृद्धि हुई है। सर्वे में शामिल लगभग 72% व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी कम होने के बाद उनकी बिक्री बढ़ी और दुकानों में भीड़ देखी गई। इस कुल बिक्री में रिटेल व्यापारियों का लगभग 85% योगदान रहा। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने भी इसमें लगभग 28% का योगदान दिया।
इस भारी व्यावसायिक उछाल ने लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, पैकेजिंग और डिलीवरी जैसे संबंधित क्षेत्रों में लगभग 50 लाख लोगों के लिए अस्थायी रोजगार के अवसर भी पैदा किए। उद्योग जगत के नेताओं ने 2025 के दिवाली सीजन को एक बड़ा मील का पत्थर बताया। अकेले धनतेरस पर ₹1 लाख करोड़ की खरीदारी हुई थी, जिसमें सोने-चांदी की बिक्री ₹60,000 करोड़ से अधिक थी।
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