आरबीआई गवर्नर ने संकेत दिए हैं कि दिसंबर में होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है, जिसका असर लोन ईएमआई पर दिख सकता है। आरबीआई पहले ही इस साल ब्याज दरों में 1 फीसदी की कटौती कर चुका है, लेकिन पिछले दो नीतिगत बैठकों में दरों को स्थिर रखा गया था।
हालांकि अक्टूबर की बैठक में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की उम्मीद थी, पर ऐसा नहीं हुआ। आरबीआई ने महंगाई अनुमान में कमी और अर्थव्यवस्था की विकास दर के अनुमान में वृद्धि की है। जानकारों का मानना है कि दिसंबर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती संभव है, और फरवरी की बैठक में भी एक और कटौती की संभावना बनी रहेगी, जिससे चालू वित्त वर्ष में कुल 50 बेसिस पॉइंट की कमी आ सकती है।
आरबीआई एमपीसी की पिछली बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश बताई थी, लेकिन उन्होंने कहा कि अभी उचित समय नहीं है। उन्होंने रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन यह भी कहा कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत गुंजाइश बनी हुई है। एमपीसी सदस्य पूनम गुप्ता ने भी माना... और अधिक पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें
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